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महाकाल लोक की भव्य सुंदरता:महाकाल लोक में 52 हजार फल-फूल और औषधि पौधे, मुंबई के विशेषज्ञ की निगरानी में एक-एक पौधा धार्मिक महत्व का लगाया
महाकाल लोक परिसर के वैभव यहां लगी मूर्तियों व श्लोकों से तो है ही लेकिन इसकी सुंदरता प्राचीन महत्व के पेड़-पौधों से भी होगी। महाकावि कालिदास ने अपने ग्रंथ मेघदूतम में महाकाल वन के वर्णन में जिन पेड़-पौधों का उल्लेख किया है वही महाकाल लोक में लगाए जा रहे हैं।
महाकाल लोक में 52 हजार फल-फूल व औषधि पौधे लगाए हैं। इनमें 12 फीट के 1500 पेड़ हैं। बाकी पौधे हैं। एक-एक पौधा धार्मिक महत्व के हिसाब से राेपा गया है। यहां के बिल्व पत्र व फल-फूल महादेव को अर्पित होंगे।
मुंबई के हार्टिकल्चर एक्सपर्ट अशोक अंबावकर ने एक-एक पौधा पूर्णत: धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए लगवाया। उनकी टीम ने इसके लिए डेढ़ साल अथक मेहनत की। इसी की बदौलत महाकाल लोक में मेघदूतम आधारित फल-फूल व औषधि पौधे सुंदरता को चार चांद लगा रहे हैं। इस पर लगभग डेढ़ करोड़ खर्च किए गए हैं।
महाकाल लोक- जिसमें हर पौधा धार्मिक मान्यता की खासियत लिए
वैदिक ट्री, रुद्राक्ष, बिल्व पत्र, शमी, कबीट, पारिजात, गुलर, बकूल, सीताफल, अशोक, अमलताश, चंपा, पेंडानाथ, अमलताश, स्पाइडर लिलि, क्रिस्टीना, गुड़हल, ड्रेसिना क्लोराेमा, लैंटाना, स्पाइडर ग्रास समेत कई प्रजातियों के फल-फूल व औषधि पौधे हैं।
ऐसे होगी देखभाल: अंडरग्राउंड लाइन, वाल्व चालू करते ही सभी को पानी मिलेगा
जूनियर आर्किटेक्ट प्रशांत चौरसिया ने बताया पर्यावरणविद् अंबावकर ने किन पाैधों का क्या महत्व है, उसी कल्पना से महाकाल लोक सजाया है। उनके साथ टीम में मेरे अलावा पल्लवी लाडकर, प्रियंका लेले, सुमित पाटिल ने इस पर काम किया।
पौधे की स्थायी देखभाल के लिए ड्रिप इरिगेशन अर्थात अंडरग्राउंड पाइप लाइन डाली है, इससे वाल्व चालू करते ही सभी पौधे को पानी मिल जाएगा। अलग से पौधे को पानी देने के लिए कर्मचारी नहीं लगाने हाेंगे। चौऋषिया ने बताया कि 600 से 800 बड़े पौधे हैं। दो साल बाद जब ये वृहद रूप लेंगे तो महाकाल लोक की छटा मन मोह लेगी।